Nauling Devta Temple Uttarakhand | History | Beliefs | How to Reach Nauling Temple ?
Nauling Devta Temple Uttarakhand | History | Beliefs | How to Reach Nauling Temple?

नौलिंग देवता मंदिर
उत्तराखंड में कई पौराणिक मंदिर हैं, यहां के मंदिरों के साथ लोगों की गहरी आस्था आज भी जुड़ी है।
आज हम आपको नौलिंग मंदिर (Nauling Devta Temple Bageshwar Uttarakhand) के बारे में बताएँगे
Nauling Devta Temple, Bageshwar (Uttarakhand)
नौलिंग देवता मंदिर, सनगाड़ (बागेश्वर)
बागेश्वर से करीब 65 किमी दूर सनगाड़ गांव (Nauling temple Sangar village) में, श्री 1008 नौलिंग देवता का भव्य एवं आकर्षक मंदिर है।
नौलिंग मंदिर, बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र में आता है और आसपास के लोगों के लिए अपार श्रद्धा का केंद्र है।
नवरात्र पर इस मंदिर में जोरदार मेला लगता है। इसे “नवमी मेला” कहा जाता है|
ऐसी मान्यता है कि नौलिंग देव के डंगरिए अवतरित होकर भक्तों को अपने पास बुलाते हैं और उनके कष्टों को दूर करते हैं।
History and Mythology of Nauling Temple Bageshwar Uttarkhand
नौलिंग मंदिर का इतिहास एवं पौराणिक कथा
Story of Nauling Devta Mandir (Temple) Sangar
एक पौराणिक कथा के अनुसार, सदियाें पूर्व शिखर-निवासी मूलनारायण भगवान की पत्नी माणावती से बंजैण देवता का जन्म हुआ।
एक दिन बंजैण की माता स्नान के लिए पचार गांव स्थित नौले में गई।
स्नान के बाद उन्हें नौले के पास एक सुंदर हंसता खेलता नन्हा बालक दिखा।
माणावती ने सोचा वह बगैर बंजैण के यहां आई थी, लेकिन वह यहां कैसे पहुंच गया। इसके बाद माणावती उस बालक को गोद में रखकर शिखर पर्वत चली गई।
मूलनारायण एवं माणावती ने दोनों बालकों को अपनाकर उनका लालन-पालन किया।
नौले से जन्म लेने से उस बालक का नाम “नौलिंग” रखा गया।
बाद में दोनों को विद्याध्ययन के लिए काशी भेज दिया गया, उनके वापस लौटने पर पिता मूलनारायण ने बंजैण को भनार और नौलिंग को सनगाड़ गांव भेज दिया।
ऐसी मान्यता है की –
उस समय सनगाड़ गांव में सनगड़िया नामक राक्षस का आतंक था। वह नरबलि लेता था।
नौलिंग देवता ने गाँव को उस राक्षस के आतंक से बचाने के लिए उससे लड़ाई लड़ी जिसमें वह राक्षस मारा गया।
आज बंजैण देवता “भनार” और नौलिंग देवता “सनगाड़” में बसते हैं | इन स्थानों पर इनके भव्य मंदिर बने हुए हैं |
Religious Beliefs of Nauling Mandir Sangar
नौलिंग मंदिर की धार्मिक मान्यता
ऐसी मान्यता है की नौलिंग देवता लोगों को इच्छित वर देते हैं तथा फसल को ओलावृष्टि से बचाते हैं ।
पहले सनगाड़ स्थित नौलिंग मंदिर बहुत छोटा था।
एक दशक पूर्व बद्रीनारायण दास जी के सानिध्य में यहाँ भव्य तथा आकर्षक मंदिर बनाया गया।
मंदिर में एक हजार लोग एक साथ बैठकर पूजा कर सकते हैं।
(पहले यहाँ) लोग मन्नत पूरी होने पर बकरियों की बलि देते थे|
हाईकोर्ट के आदेश के तहत अब नौलिंग देव मंदिर में पशु बलि पर रोक लगी है।
इस मंदिर में कई लोग चांदी के छत्र, घंटे तथा घड़ियाल भी अर्पित करते हैं।
नवरात्र में यहां आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है|
नवरात्रि पर लगने वाले नवमी मेले में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
How to Reach Nauling Devta Temple Bageshwar
नौलिंग मंदिर, सनगाड़ कैसे पहुंचें ?
Nauling Mandir Bageshwar से 65 किलोमीटर दूर है|
आप यहाँ अपनी गाड़ी या प्राइवेट वाहन द्वारा आसानी से पहंच सकते हैं|
Nauling Devta Mandir Video
नीचे दिए गए विडियो में आप नौलिंग देवता मंदिर का विडियो देख सकते हैं| विडियो देख कर इस मंदिर के बारे में आप और ज्यादा जान सकते हैं|
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