Baleshwar Temple , Champawat !! ( बालेश्वर मंदिर, चंपावत !! )

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको उत्तराखंड दर्शन कि इस पोस्ट में चम्पावत जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिर “Baleshwar Temple , Champawat !! ( बालेश्वर मंदिर, चंपावत !! )” के बारे में जानकारी देने वाले है | यदि आप बालेश्वर मंदिर के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े !

Baleshwar Temple , Champawat !! ( बालेश्वर मंदिर, चंपावत !! )





Baleshwar Temple Champawatबालेश्वर मंदिर “भगवान शिव” को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है , जो कि उत्तराखंड के चंपावत शहर में स्थित है | बालेश्वर मंदिर पत्थर की नक्काशी का एक अद्भुत प्रतीक है | मुख्य बालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है (जिन्हें बालेश्वर भी कहा जाता था) । बालेश्वर के परिसर में दो अन्य मंदिर भी उपस्थित हैं जिसमे एक “रत्नेश्वर” को समर्पित है और दूसरा मंदिर “चम्पावती दुर्गा” को समर्पित है | इस मंदिर समूह में आधा दर्जन से ज्यादा शिवलिंग स्थापित हैं । मुख्य शिवलिंग स्फुटिक का है । जो अपनी चमत्कारिक शक्ति के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है । स्थापत्य कला के बेजोड रूप से बने इस मंदिर के समूह की दीवारों में अगल-अलग मानवों की मुद्राएं , देवी देवताओं की सुंदर मूर्तियां बनाई गई हैं । चंद शासकों ने 13वीं सदी में बालेश्वर मंदिर की स्थापना की थी । मंदिर पर मौजूद शिलालेख के अनुसार यह मंदिर 1272 में बना है| यह चंपावत जिले का एक खूबसूरत तीर्थस्थान है । दरअसल यह मंदिरों का समूह है, जिसका निर्माण चंद वंश ने करवाया था ।

मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 10 वीं या 12 वीं शताब्दी के मध्य काल में हुआ था | जिस कारीगर ने इस मंदिर में अपनी कला को जिंदा किया था , उसका नाम जगन्नाथ मिस्त्री था , यह कहा जाता है कि जब जगन्नाथ मिस्त्री ने मंदिर बना दिया था , तब चंद शासक जगन्नाथ मिस्त्री से काफी प्रसन्न हुए और साथ ही चंद शासकों को लगा कि जगन्नाथ मिस्त्री अपनी कला का प्रचार-प्रसार कहीं किसी और जगह ना कर दे इसलिए चंद्र शासकों ने जगन्नाथ मिस्त्री का एक हाथ कटवा दिया | तब जगन्नाथ मिस्त्री जो कि एक कुशल कारीगर था | उसने चंद शासको को जवाब देने की सोची और जगन्नाथ मिस्त्री ने बालेश्वर मंदिर से लगभग 4 किलोमीटर दूर “अद्वैत आश्रम से मायावती पैदल मार्ग में एक हथिया नौला का निर्माण किया | एक हथिया नौला एक हाथ से बनी “बावली” की कहानी यह है कि जगन्नाथ मिस्त्री ने अपने एक हाथ के आधार और अपने बेटी की सहायता से एक रात में बनाया था | बालेश्वर मंदिर अपनी खूबसूरती के साथ अलग पहचान बनाए हुए हैं और मंदिर कि खूबसूरती लोगों को अपनी ओर खींचती है और सोचने को मजबूर कर देती है | मंदिर के हर हिस्से में एक अनेक प्रकार की कलाकृति देखने को मिलती है | पहले मंदिर परिसर में अनेक प्रकार की मूर्तियां थी लेकिन वर्तमान समय में मूर्ति को अलग कर दिया गया है |

चंपावत में बालेश्वर मंदिर को “राष्ट्रीय विरासत स्मारक” घोषित किया गया है और 1 9 52 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में है । बालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें भक्तो का सैलाब उमडा होता है |

चम्पावत जिले में स्थित नागनाथ मंदिर के बारे में जानने के लिए निचे दिए गए लिंक में क्लिक करे :-

Map of Baleshwar Temple

बालेश्वर मंदिर  चम्पावत जिले में स्थित है , यदि आप बालेश्वर मंदिर आना चाहते है तो निचे दिए Google Map की सहायता जरुर ले |





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