‘बेडू फल’ उत्तराखंड Bedoo Fruit Uttarakhand

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको “उत्तराखंड दर्शन” के इस पोस्ट में “बेडू फल उत्तराखंड Bedoo Fruit Benefits” के बारे में बताने वाले है यदि आप जानना चाहते है “बेडू फल उत्तराखंड Bedoo Fruit Benefits” के बारे में तो इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े|




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बेडू फल के फायदे एवं औषधीय गुण

Benefits and Medicinal Properties of Bedoo Fruit

उत्तराखंड राज्य में कई प्राकृतिक औषधीय वनस्पतियां पाई जाती हैं , जो हमारी सेहत के लिए बहुत ही अधिक फायदेमंद होती हैं। बहुत ही कम लोग खासकर की शहरों में बसने वाले लोगों को इस पहाड़ी फल के बारे में जानकारी नहीं है। बेडू मध्य हिमालयी क्षेत्र के  जंगली फलों में से एक है। समुद्र के स्तर से 1,550 मीटर ऊपर स्थानों पर जंगली अंजीर के पौधे बहुत ही सामान्य होते हैं। यह गढ़वाल और कुमाऊँ के क्षेत्रों में इनका सबसे अच्छे से उपयोग किया जाता है।






ये पेड़ जंगलों में बहुत कम पाए जाते हैं, लेकिन गाँवों के आसपास, बंजर भूमि, खेतों आदि में उगते हैं। फल लोगों को बहुत पसंद आते हैं।  और इन्हे बिक्री के लिए भी प्रयोग किया जाता है। यह मीठा और रसदार होता है, जिसमें कुछ कसैलापन होता है, इसके समग्र फल की गुणवत्ता उत्कृष्ट है।

बेडू फल जून जुलाई में लगता है एक पूर्ण विकसित जंगली अंजीर का पेड़ अनुकूलित मौसम में  25 किलोग्राम के आस पास फल देता है।बीज सहित संपूर्ण फल खाने योग्य  होता है। बेडू के पत्ते जानवरों के लिए चारे का काम करती है यह दुधारू पशुओं के लिए काफी अच्छी मानी जाती हैं  कहा जाता है कि बेडू के पत्ते दुधारू पशुओं को खिलने से दूध में बढोतरी होती है|

उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध लोक गीत बेडू पाको Bedoo pako song

बेडू पाको बारो मासा, ओ नरणी काफल पाको चैता मेरी छैला,

बेडू पाको बारो मासा, ओ नरणी काफल पाको चैता मेरी छैला,

अल्मोड़ा की, नंदा देवी, ओ नरणी फूल चढोनो पाती,मेरी छैला

इस लोकगीत के रचयिता (लेखक) बृजेन्द्र लाल शाह तथा मोहन उप्रेती हैं। यह गीत सर्वप्रथम 1952 राजकीय इंटर कॉलेज नैनीताल, के मंच में गाया गया| अब यह गीत उत्तराखंड ही नही दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं|  इस गीत के माध्यम से यह बताया गया है की बेडू फल वर्ष भर पकते रहता है|

बेडू के फल कहाँ-कहाँ पाया जाता है?

यह उत्तराखण्ड के अलावा पंजाब, कश्मीर, हिमाचल, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, सोमानिया, इथीयोपिया तथा सुडान में भी पाया जाता है। विश्व में बेडु की लगभग 800 प्रजातियां पाई जाती है।

वैसे तो बेडु का सम्पूर्ण पौधा ही उपयोग में लाया जाता है जिसमें छाल, जड़, पत्तियां, फल तथा चोप औषधियों के गुणो से भरपूर होता है| हाथ पावं में चोट लगने पर इसका चोप (बेडू पौधे से निकलने वाला सफ़ेद दूध जैसा) लगाने से चोट ठीक हो जाती है|





बेडू फल फायदे  Bedoo Fruit Benefits

बेडू एक बहुत ही स्वादिष्ट फल है। पहाड़ी क्षेत्रों में सभी के द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। बेडू फल पकने के बाद एक रसदार फल की भाती होता है। इस फल से विभिन्न उत्पादों, जैसे स्क्वैश, जैम और जेली बनाने के काम भी आता है।

इसमें मुख्य रूप से शर्करा और श्लेष्मा गुण होते हैं और, तदनुसार कब्ज के समस्याओ में भी काफी फायदेमंद होती है |





बेडु के फल सर्वाधिक मात्रा में कार्बनिक पदार्थ होने के साथ-साथ इसमें बेहतर एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाये जाते हैं जिसकी वजह से बेडु को कई बिमारियों जैसे – तंत्रिका तंत्र विकार तथा जिगर की  बिमारियों के निवारण में भी प्रयुक्त किया जाता है

इसक उपयोग वसंत की प्रारंभिक सब्जी के रूप में किया जाता है। उन्हें पहले उबाला जाता है और फिर निचोड़ कर पानी निकाला जाता है। फिर उनसे एक अच्छी हरी सब्जी तैयार की जाती है।

इसक फल कच्चा मीठा रसीला होता है । बिना फलों और युवा अंकुरों को पकाया जाता है और सब्जी के रूप में भी खाया जाता है ।

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