Bhagirathi River Uttarakhand भागीरथी नदी उत्तराखंड
नमस्कार दोस्तों आज हम आपकों उत्तराखंड दर्शन के इस पोस्ट में उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित(Bhagirathi river) भागीरथी नदी , गंगा की दो मुख्य धाराओं में से एक हैं, जिसके बारे हम आपको इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं | यदि आप उत्तरकाशी जिले में स्थित(Bhagirathi River) भागीरथी नदी के बारे में जानना चाहते है। तो इस पोस्ट को अन्त तक जरूर पढ़े!
About Bhagirathi River भागीरथी नदी के बारे में-:
भागीरथी नदी उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में है। यह समुद्रसतह से 618 मीटर ऊँचाई पर, ऋषिकेश से 70 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
भागीरथी गंगा की सहायक नदी है। जो गोमुख से निकलती है। गंगा नदी हिन्दुओं में पवित्र नदी मानी जाती है। इस नदी का नाम भागीरथी , राजा भगीरथ के नाम से पड़ा|
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगीरथ के 60 हजार पूर्वज, ऋषि कलिपा के श्राप के कारण भष्म हो गये थे। उनकी मुक्ति के लिए गंगाजल का होना आवश्यक था इसलिए भगीरथ ने घोर तपस्या के कारण गंगा को धरती में उतारा था और गंगा शिव जी की जटाओं से होते हुए सबसे पहले गंगात्री में उतरी थी।
भागीरथी नदी के उद्गमस्थल
भागीरथी नदी उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम से लगभग 19 से 20 किलोमीटर गंगोत्री ग्लेश्यिर अथवा गोमुख से निकलती है।
इस जगह का नाम गोमुख इस लिए पड़ा क्योकि यह श्रोत गाय के मुख के समान दिखाई देता है। गोमुख, गंगोत्री ग्लेश्यिर के दक्षिण उत्तराखंड का, सबसे बड़ा तथा पूरे भारत में दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है। गंगोत्री ग्लेश्यिर की लम्बाई लगभग 30 किलोमीटर तथा चौड़ाई 2 किलोमीटर है।
लेकिन अब यह ग्लोबल वामिंग की वजह से बहुत कम हो गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि 22.23 मिनट की रफ्तार से यह ग्लेशियर हर साल पिघलता जा रहा है।
भागीरथी नदी की सहायक नदियाँ
रूद्रगंगा-
- यह गंगोत्री ग्लेश्यिर के पास रूद्रगेरा ग्लेश्यिर से निकलती है। और भागीरथी नदी में जाकर मिलती है।
केदारगंगा –
- यह थलया सागर के पर्वत श्रेणी में स्थित केदारताल से निकलती है। और गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी में जाकर मिलती है। गंगोत्री धाम उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से एक है। यहां पर गंगोत्री मंदिर स्थित है। जहां लाखों श्रद्धालु हर साल आते रहते है। यहा पर भगीरथ शिला भी है। जिस पर राजा भगीरथ का मंदिर बना हुआ है। कहा जाता है कि राजा भगीरथ ने इसी स्थान पर बैठ कर तपस्या की थी।
जाड़गंगा या जाह्नवी-
- यहां पर जाड़गंगा भौरोघाटी नामक स्थान पर भागीरथी से मिलती है।
सियागंगा या सियागाड़-
- यहां पर सिंयागंगा झाला नामक स्थान पर गंगा नदी से मिलती है।
असीगंगा-
- यहां पर असीगंगा डोडीताल से निकल कर गंगोत्री में भागीरथी से मिलती है।
भिंलगना-
- यह भागीरथी की सहायक नदी मानी जाती है। यह खतलिंग ग्लेश्यिर टिहरी से निकलकर गणेशप्रयाग में भागीरथी से मिलती है। भिंलगना की सहायक नदी है। मेदगंगा, दूधगंगा, बालगंगा आदि। बालगंगा भिंलगना की प्रमुख सहायक नदी है। इसकी भी एक सहायक नदी है। धर्मगंगा, यह बूढ़ा केदार में बालगंगा से मिलती है।
Tihari Dam टिहरी बाँध –
टिहरी बाँध टिहरी परियोजना का एक प्राथमिक बाँध है। जो उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले में स्थित है।
यह बाँध भागीरथी नदी पर बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई 216 मीटर है, जो विश्व का पांचवां सबसे ऊंचा बाँध माना जाता है।
इस बाँध से 2400 मेगा वाट विद्युत उत्पादन 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 120.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली,उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड को उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित किया जाना है।