Gurudwara Hemkund Sahib , Chamoli !! (गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब)

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको उत्तराखंड दर्शन की इस पोस्ट में चमोली जिले में स्थित सिखों का प्रसिद्ध एवम् पवित्र तीर्थ स्थल “Gurudwara Hemkund Sahib , Chamoli !! (गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब)!!” के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है , यदि आप गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े |

Gurudwara Hemkund Sahib , Chamoli !! (गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब)





Hemkund Sahib History in Hindiहेमकुण्ड साहिब या ‘गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी’ सिखों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है , जो कि उत्तराखंड के चमोली ज़िले में स्थित है। हेमकुंड एक संस्कृत नाम है , जिसका अर्थ – हेम (“बर्फ”) और कुंड ( “कटोरा” ) है | इस स्थान पर सिखों के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह ने अपने पिछले जीवन में ध्यान साधना की थी और वर्तमान जीवन लिया था | हेमकुंड साहिब समुद्र स्तर से 4,329 मीटर की ऊचांई पर स्थित है । सिखों के पवित्र तीर्थ हेमकुंड साहिब और झील चारों तरफ बर्फ से ढकी सात पहाड़ियों से घिरे हुए हैं। हेमकुण्ड साहिब गुरुद्वारा की खोज 1930 में हवलदार सोहन सिंह ने की थी । यह स्थान अपनी अदम्य सुंदरता के लिए जाना जाता है और यह सबसे महत्वपूर्ण गुरूद्वारों में से एक है। यह पवित्र स्थल गुरु गोबिंद सिंह जी के यहां आने से पहले भी तीर्थ माना गया है । इस पवित्र स्थल को पहले “लोकपाल” भी कहा जाता है , जिसका अर्थ “विश्व के रक्षक” कहा जाता था । श्री हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के पास ही एक सरोवर है । इस पवित्र जगह को अमृत सरोवर अर्थात “अमृत का तालाब” कहा जाता है। यह सरोवर लगभग 400 गज लंबा और 200 गज चौड़ा है। हेमकुण्ड साहिब के पास सप्तऋषि चोटियां स्थित है , जिन पर खालसा पंथ का प्रतीक निशान साहिब पर ध्वज लहराता है ।

हेमकुंड साहिब ही वह जगह है , जहाँ पांडु राजा अभ्यास योग करते थे | इसके अलावा दसम ग्रंथ में यह कहा गया है कि जब पाण्डु हेमकुंड पहाड़ पर गहरे ध्यान में थे तो भगवान ने उन्हें सिख गुरु गोबिंद सिंह के रूप में यहाँ पर जन्म लेने का आदेश दिया था | हेमकुंड साहिब चारों तरफ से हिमालय की सात चोटियों से घिरा हुआ है । इस जगह को रामायण के समय से मौजूद माना गया है। कहा जाता है कि लोकपाल वही जगह है , जहां श्री लक्ष्मण जी अपना मनभावन स्थान होने के कारण ध्यान पर बैठ गए थे और यह भी कहा जाता है कि अपने पहले के अवतार में गोबन्द सिंह जी ध्यान के लिए यहां आए थे । गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी आत्मकथा ‘बिचित्र नाटक’ में इस जगह के बारे में अपने अनुभवों का उल्लेख किया है। हेमकुण्ड साहिब साल में सिर्फ तीन महीने के लिए ही श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं । सिखों के प्रसिद्ध धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के लिए 20 किलोमीटर से भी अधिक पैदल ही पहाड़ की चढ़ाई पूरी करनी होती है ।

Google Map of Gurudwara Hemkund Sahib !!

“हेमकुण्ड साहिब” या “गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी” सिक्खों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है , जो उत्तराखंड के चमोली ज़िले में स्थित है।  आप इस स्थान को निचे Google Map में देख सकते है |




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