पहाड़ी समाचार उत्तराखंड में नंधौर भे सटी गावं क मवेशियों क बीमा कराल वैन विभाग

उत्तराखंड में नंधौर भे सटी गावं क मवेशियों क बीमा कराल वैन विभाग

हल्द्वानी : मानव – वन्यजीव संघर्ष के रोकनेक लिजी वन विभाग नई पहल करन जमरे | जंगल भे सटी गावं में पशुपालन के मवेशियों क बीमा करुन में ऊनि वाल खर्च क आधी रकम एनजीओ डब्ल्यूडब्ल्यूएफ भे दिलाई जाल | शुरुआत नंधौर भे सटी छह गावं भे करी जाली | दिसम्बर प्रथम सप्ताह में यो यो गावं में कैंप लगाकर पशुपालकों के मवेशियों क स्वास्थ्य परीक्षण करनक दगाड बीमा ले करी जाल | वन्यजीवों के हमले में घायल होने या मौत हुन में वन विभाग मुआवजा क रकम अलग – अलग हु | भैस के मारन में वन विभाग 15 हजार रूपये पशुपालन के दियू , मगर आब 40-50 हजार भे कम में नई भैंस खरीदन मुश्किल छू | यस में पशुपालन और काश्तकार ले वन्यजीव क प्रति अलग नजरिया  राखूं | यो वजह भे मानव – वन्यजीव संघर्ष क दुर्घटनाओं में बढोत्तरी क डर रुन भयो | सोमवार के हल्द्वानी वन प्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार सिंह क की इन मामलों के लव भेरन अफुड़ कार्यालय में बैठक बुलाई , जेमे पशु चिकित्सक डा. आयुष , डब्ल्यूडब्ल्यूएफ क टीम लीडर एके सिंह , एसडीओ राम कृष्ण मौर्य और रेंजर शालिनी जोशी ले मौजूद रे | एसडीओ क मुताबिक , राज्य व केंद्र सरकार द्वारा मवेशियों क बीमा करूँन पर  सब्सिडी दे जाँ | एक बावजूद पशुपालन जेब भे पैसे खर्च हुनक चक्कर में बीमा ने करूँन | वाई एक घटना क बाद वन विभाग द्वारा देई जानी वाल मुआवजा नाकाफी हुन | लिहाज , डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा बीमा क प्रीमियम क आधी धनराशि देई जाल | शुरुआत में खेड़ा , कालूखेडा , ककोट , लाखनमंडी उ आमबाग क पशुपालकों के योजना क लाभ देई जाल |

 

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