Saptrishi Ashram , Haridwar !! (सप्तऋषि आश्रम !!)
नमस्कार दोस्तों आज हम आपको उत्तराखंड दर्शन की इस पोस्ट में हरिद्वार जिले में स्थित प्रसिद्ध स्थल “सप्तऋषि आश्रम” के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है , यदि आप सप्तऋषि आश्रम के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े |
Saptrishi Ashram , Haridwar !! (सप्तऋषि आश्रम !!)
सप्तऋषि आश्रम – हर-की-पौड़ी से 5 किमी दूर स्थित हरिद्वार के प्रसिद्ध आध्यात्मिक विरासत स्थलों में से एक है । एक हिंदू लोककथा के अनुसार, यह आश्रम सात ऋषियों का आराधना स्थल था । इस आश्रम को ध्यान के लिए और शांत माहौल आदर्श के लिए जाना जाता है । यह भी माना जाता है कि गंगा इस स्थान पर सात धाराओं में खुद को विभाजित करती है । यह आश्रम 1943 में गोस्वामी गुरु दत्त द्वारा स्थापित किया गया था , जो कि पंजाब के सनातन धर्म प्रतिनीधी सभा के अंतर्गत आते है । इस आश्रम में छात्रों को मुफ्त में शिक्षित है और इस परिसर के भीतर , 2 कमरे, रसोई और बाथरूम वाला 43 छोटे झुंड हैं , जहां भक्त आध्यात्मिकता में रह सकते हैं और स्वयं को आराम कर सकते हैं । यह पुराने आश्रम , ऋषियों और दुनिया भर के संतों , जीवन की अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के विश्वास का एक केंद्र है । इस स्थान पर गंगा नदी के किनारे पांडवों के पत्थर की मूर्तियां इंगित हैं जिससे पता चलता है कि वह स्वर्ग जाने से पहले इस आश्रम से गुजरे थे ।
पौराणिक कथा एवम् इतिहास :-
पौराणिक कथाओ के अनुसार , सप्तऋषि आश्रम सात ऋषियों (कश्यप, वशिष्ठ, अत्रि, विश्वामित्र, जामदगी , भारद्वाज और गौतम) के लिए एक ध्यान केंद्र था | एक बार सभी ऋषियो ने मिलकर गंगा नदी के तट पर ध्यान देने का फैसला किया , लेकिन नजदीक में बहती गंगा नदी के प्रवाह की भारी गहराई की आवाज़ के कारण उनको ध्यान लगाने में परेशानी होती है | गंगा नदी के प्रवाह की आवाज़ की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए ऋषि गंगा नदी के प्रवाह को फँसा देते है और बाद में ऋषियो ने गंगा नदी के प्रवाह से कम शोर बनाने के लिए नदी को सात अलग-अलग धाराओ की प्रवाह में विभाजित कर देते है एवम् उन सात धाराओं को गंगा नदी के रूप में जाना जाता है , जिसे सप्त्सरोवर कहा जाता है और जिस स्थान में सात ऋषि ध्यानित थे , उस स्थान को “सप्तऋषि” आश्रम कहा जाता है | इस कारण स्थान को “सप्तसरोवर” और “सप्तऋषि आश्रम” के नाम से भी जाना जाता है |
हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध एवम् पवित्र आश्रम “ सप्तऋषि आश्रम” के अल्वा प्रसिद्ध मंदिरों “दक्ष महादेव मंदिर“ , “भारत माता मंदिर“ , “मनसा देवी मंदिर“ , “बिल्केश्वर महादेव मंदिर“और “चंडी देवी मंदिर“ और प्रसिद्ध घाट “हर की पौड़ी” के भी दर्शन कर सकते है |
Google Map of Saptrishi Ashram
सप्तऋषि आश्रम , हर-की-पौड़ी से 5 किमी दूर स्थित यह आश्रम हरिद्वार के प्रसिद्ध आध्यात्मिक विरासत स्थलों में से एक है । आप Google Map पर निचे इस स्थान को देख सकते हो |
उम्मीद करते है कि आपको “Saptrishi Ashram , Haridwar !! (सप्तऋषि आश्रम !!)” के बारे में पढ़कर आनंद आया होगा |
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