‘सिराकोट’ (मलयनाथ) मंदिर डीडीहाट (पिथौरागढ़) Sirakot Temple didihat

 

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सिराकोट मंदिर डीडीहाट (पिथौरागढ़)

सिराकोट मंदिर उत्तराखंड राज्य, पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट में स्थित हैं यह मंदिर चंद राजाओं ने चौदहवीं सदी में बाद बहादुर चन्द ने राजकोट में स्थापित किया कहा जाता हैं की चन्द राजाओ के समय मलय नाथ प्रकट हुए थे तब यहाँ की जनता ना के बराबर थी तभी चंद राजा ने इस स्थान में जनता को बसाया और मंदिर के लिए एक पुजारी को नियुक्त किया गया और मंदिर की देखरेख के लिए गणपतिं रसीला लोगों को नियुक्त किया गया इस मंदिर में स्थानीय लोग शिख(अनाज) चढाते हैं| डीडीहाट की पहाड़ी में स्थित सिराकोट मंदिर भव्य एवं आकर्षण स्थल हैं | डीडीहाट से 3 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़ कर आता है यह भव्य मंदिर यहां से हिमालय की चोटियों का बिहंगम नजारा दिखता है। इसके अलावा घाटी का नजारा भी दिखता है। डीडीहाट नगर भी यहां से साफ दिखता है। सीराकोट में हर समय भक्तों का तांता लगा रहता है|





डीडीहाट सिराकोट मंदिर के बारे में About Sirakot Temple didihat 

डीडीहाट एक शांत पर्यटन स्थल है जो कि पिथौरागढ़ जिले में स्थित है | डीडीहाट पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ एक नगर पंचायत है एवम् डीडीहाट पिथौरागढ़ शहर से 54 कि.मी. की दुरी पर स्थित है | डीडीहाट समुन्द्र तल से 1725 मीटर की ऊँचाई पर दिग्तढ़” “Digtarh” नामक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और इस पहाड़ी की चोटी के निचे चरमगढ़ व भदीगढ़ नामक नदियां बहती हैं | इस नगर के निकट सुंदर हाट घाटीस्थित है ,जहाँ भगवान शिव को समर्पित सीराकोट नामक एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है । डीडीहाट की मुख्य भाषा हिंदी ,कुमाउनी एवम् संस्कृत है तथा अधिकाँश गाँव में रहने वाले लोग हिंदी और कुमाउनी भाषा में बातचीत करते है |





डीडीहाट का नाम कुमाऊंनी शब्द डंड से लिया गया है , जिसका मतलब एक छोटी सी पहाड़ी से है । वर्तमान समय के अनुसार डीडीहाट क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से सीराकोट के रिका (Raika)मल्ला राजाओं के द्वारा शासित था | भगवान मलय नाथ का प्राचीन सिराकोट मंदिर रिका (Raika) राजाओं द्वारा निर्मित किया गया | राजा हरी मल्ला के समय तक , यह क्षेत्र नेपाल के डोती साम्राज्य के आधीन था | बाद में 1581 ईस्वी में चंद वंश के शासक रूद्र चंद ने नेपाल के डोती साम्राज्य को युद्ध में पराजित कर इस क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया और अभी भी वर्तमान समय में डीडीहाट क्षेत्र में प्राचीन किले और मंदिरों के कुछ अवशेष मौजूद है |

सिराकोट मंदिर में मेला कब लगता हैं?

सिराकोट मंदिर में हर वर्ष कार्तिक चतुर्दशी को मेला लगता हैं| मेले में नगाड़ा प्रतियोगिता भी की जाती हैं| इस मेले में रात को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं| सिराकोट की चोटी पर स्थित मलयनाथ मंदिर में लगने वाले मेले में हर वर्ष ढोल नगाड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया जाताहैं| इस प्रतियोगिता के इस क्षेत्र के ग्राम पंचायतों को ढोल नगाड़ों के साथ जाना पढता हैं| इस मेले में यह परम्परा पूर्व से चली आ रही है। इस मेले में चौबाटी, दूनाकोट, डीडीहाट, बोराबुंगा, बमनगाड़ , आदिचौरा सहित विभिन्न गांवों से नगाड़े पहुंचे।

यहाँ तक कैसे पहुचें How To Reach?






हवाई अड्डा – निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा हैं यहाँ से डीडीहाट की दूरी लगभग 263  किलोमीटर हैं यहाँ से आप आसानी से टैक्सी अथवा बस से जा सकते हैं|

ट्रेन- निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन हैं यहाँ से डीडीहाट की दूरी लगभग 228 किलोमीटर हैं यहाँ से आप आसानी से टैक्सी अथवा बस से जा सकते हैं|

Google Map Of Sirakot Temple Didihat






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