Thalkedar Shiv Temple , Pithoragarh !! ( थलकेदार शिव मंदिर , पिथौरागढ़ !!)

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको उत्तराखंड दर्शन कि इस पोस्ट में पिथौरागढ़ जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिर “Thalkedar Shiv Temple , Pithoragarh !! ( थलकेदार शिव मंदिर , पिथौरागढ़ !!)” के बारे में जानकारी देने वाले है | यदि आप “थलकेदार शिव मंदिर” के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़े !

Thalkedar Shiv Temple , Pithoragarh !! ( थलकेदार शिव मंदिर , पिथौरागढ़ !!)





थलकेदार शिव मंदिर पिथौरागढ़थलकेदार पहाड़ी के किनारे पर स्थित भगवान शिव का पवित्र मंदिर है , जिसे थलकेदार शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है | यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल एवम् प्रसिद्ध मंदिर है , जो कि पिथौरागढ़ से लगभग 16 किमी कि दुरी पर स्थित है । यह मंदिर बहुत प्राचीन और अद्भत मंदिर है और साथ ही साथ थलकेदार मंदिर विश्वास, आस्था और भक्ति का केंद्र भी है | थलकेदार शिव मंदिर समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है । यह धार्मिक स्थान अपने शिवलिंग के लिए सबसे प्रसिद्ध है , जिसे 1000 मिलियन वर्ष पुराना माना जाता है । धार्मिक महत्व के अलावा, यह मंदिर पूरे शहर का शानदार दृश्य भी प्रदान करता है । स्कंद पुराण में वर्णित के रूप में Kirat Race के लोग उत्तराखंड के उत्तरी इलाके में रहते थे । ऐसा कहा जाता है कि पेशवा नाना साहब ने ब्रिटिशों से बचने के लिए नेपाल के माध्यम से पंचेश्वर रास्ते से थलकेदार तक पहुंचे थे ।

आदिवासी कथा के अनुसार , इस क्षेत्र की एक किसान की गाय अन्य गायों की तुलना में रोज़ाना घर देर से पहुंचा करती थी । एक दिन किसान ने गाय का पीछा किया और देखा कि गाय सीधे थलकेदार शिखर पर जा रही है और एक नवोदित शिवलिंग पर अपने दूध से शिवलिंग को स्नान कराती है । यह बात पूरे इलाके में फैल गई और ग्रामीणों ने उस स्थान पर शिव मंदिर स्थापित करने का फैसला लिया । इस तरह थलकेदार पर्वत पर शिव मंदिर स्थापित किया गया |जिसे वर्तमान समय में थलकेदार शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है | इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में आकर सच्चे मन से मनोकामना करता है , उसकी मनोकामना पूर्ण होती है |

भगवान शिव के इस मंदिर तक पहुँचने के लिए पिथौरागढ़ में स्थित “बराबे मार्ग” के पास “कथ्पटिया” नामक स्थान तक पहुँच कर घने जंगलो से होते हुए लगभग 5 या 6 कि.मी. पैदल चलकर खूबसूरत भगवान शिव के “थलकेदार शिव मंदिर” में पहुँच सकते है | महाशिवरात्री के अवसर पर हर साल मंदिर में बड़े मेले का आयोजन होता है जो कि बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है । थलकेदार शिव मंदिर से 700 किमी की दुरी तक अत्यधिक सुंदर हिमपातित पहाड़ों को देखा जा सकता है , जिसमें बद्रीनाथ, त्रिशूल, नंददेवी, पंच-चाउली और एपी-नम्पा शामिल हैं ।

इस मंदिर के अलावा पिथौरागढ़ जिले में पाताल भुवनेश्वर मंदिर , मोस्तामाणु मंदिर , कामख्या देवी मंदिर , हट कालिका मंदिर , नकुलेश्वर मंदिर , गुरना माता मंदिर , और कपिलेश्वेर मंदिर आदि के भी दर्शन भी कर सकते है |

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