(तिमुला) उत्तराखंड का स्वादिष्ट फल (Timla) fruit Uttarakhand
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(तिमुला) उत्तराखंड का स्वादिष्ट फल
तिमुला उत्तराखंड का स्वादिष्ट फल है। इस फल को कच्चा खाया जाता है और सब्जी के रूप में पकाया जाता है। तिमुला उत्तराखंड के कई इलाको में पाया जाने वाला जंगली फल हैं| यह घर गाँव में उगने वाला बड़ा पेड़ हैं| तिमुल की एक खास बात यह भी है कि इसका फल लगने से पहले फूल नही दिखाई देता दंतकथाओ के अनुसार कहा जाता हैं की जिसे भी वह फूल दिखाई देता है वह भाग्यशाली माना जाता है|
तिमुला के पत्तों को दुधारू पशुओं को खिलाया जाता है कहा जाता है कि तिमुल के पत्तों से दुधारू पशु अधिक दूध देती है ये पत्ते चारे का काम करती हैं| जब पेड़ में फल लगने सुरु होते है तो इनको कोमल फलों की सब्जी बनाई जाती है और इसके फल पक जाने में हल्के लाल हल्के पीले दिखाई देते हैं | पके हुए फल काफी स्वादिष्ट होते हैं| इसके फल ज्यादा पक जाने में काले पड़ने लगते है जिस कारण इन फलो को कीड़ा खा जाता हैं| इस फल का उपयोग सब्जी के रूप में और स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।
तिमुला का रायता बहुत लोकप्रिय है। इस पेड़ की पत्तियों का उपयोग प्लेटों के प्रतिस्थापन के रूप में किया जाता है| तिमुल बेहद गुणकारी फल है जो पेट के रोगों को खत्म करता है| तिमुल के पेड से सफ़ेद रंग का दूध जैसा द्रव निकलता है यदि किसी को काँटा चुभ जाये तो इसका दूध उस जगह पर लगा दो तो थोड़ी देर बाद काँटा बड़ी आसानी से बहार निकाल सकते है| इसके पेड़ के पत्तों को पूजा पाठ के कार्यो में तथा पत्तल बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है| इस पेड़ को पीपल के पेड़ जैसा पवित्र माना गया है|
तिमुला फल के औषधीय गुण एवं फायदे
वेथ ऑफ इंडिया के अनुसार खाद्य फलों में कच्चे प्रोटीन 5.32%, कार्बोहाइड्रेट 27.09%, कच्चे फाइबर 16.96% और राख सामग्री 3.7% और खनिज जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फास्फोरस (1.35, 0.90, 2.11 और 0.28 मिलीग्राम / 100 ग्राम) जैसे पोषक तत्व होते हैं। ) क्रमशः। पका हुआ तिमुला फल ग्लूकोज, फ्रक्टोज और सुक्रोज, सभी शर्करा से भरा होता है। पौष्टिक रूप से कहे तो, तिमुला लगभग कोई वसा, सोडियम या कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। उनके पास बहुत सारे आहार फाइबर हैं, शायद किसी भी फल के उच्चतम, और उनकी चीनी सामग्री वजन से पचास प्रतिशत से अधिक है, इसलिए उनके पास कई कैलोरी हैं; और वे कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत हैं। एक मध्यम आकार के अंजीर में लगभग अठारह मिलीग्राम कैल्शियम, और बहुत सारे पेक्टिन होते हैं; जब यह नरम हो जाता है। इसके अलावा, वे लोहे के भी उत्कृष्ट स्रोत हैं।
एक शोध पत्र प्रकाशित “इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज रिव्यू एंड रिसर्च” ने तिमुल फल की पोषण सामग्री के बारे में विस्तार से बताया कि इसमें सेब और आम के संवर्धित फलों की तुलना में वसा, प्रोटीन, फाइबर और खनिजों का उच्च मूल्य शामिल है। फिकस औरिकुलता के फलों में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जिनकी प्रति व्यक्ति को आवश्यकता होती है। फलों का सेवन सामान्य स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा दे सकता है और साथ ही पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है। ये निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि न्यूट्रास्यूटिकल्स या प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के निर्माण के लिए तिमुला फल संभावित स्रोत है।

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